श्रीदेवसुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय के पंडित ललित मोहन शर्मा कैंपस ऋषिकेश के इतिहास विभाग द्वारा स्वामी विवेकानंद जयंती के अवसर पर ऑनलाइन वेबीनार का आयोजन किया गया। वेबिनार का विषय “चरित्र निर्माण के लिए शिक्षा” था।
वेबिनार का शुभारंभ ऋषिकेश कैंपस के निदेशक प्रोफेसर एम.एस. रावत ने किया। वेबीनार के संयोजक प्रो. संगीता मिश्रा एवम सह संयोजक डा. अर्जुन सिंह थे। प्रो. एम.एस. रावत ने वेबीनार के मुख्य अतिथि, मुख्य वक्ता एवं अन्य वक्ताओ का स्वागत किया। प्रो. संगीता मिश्रा ने स्वामी विवेकानंद जी के जीवन इतिहास के सार को बताते हुए सभी अतिथियों का स्वागत किया।
वेबीनार में मुख्य अतिथि प्रो. शिव शंकर मिश्रा, शोध, विभागाध्यक्ष ,
पीठ प्रमुख – छात्रकल्याण एवं आधुनिक विद्यापीठ, श्री लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, नई दिल्ली थे। आपने छात्र-छात्राओं के चरित्र निर्माण में शास्त्रीय ग्रंथो का उदाहरण देते हुए मार्गदर्शन किया। आपने बताया कि स्वामी विवेकानन्द जी आज के युवाओं के प्रेरणास्रोत है।
वेबीनार में मुख्य वक्ता प्रो. संजय कुमार, प्राचार्य, राजकीय महाविद्यालय सतपुली के द्वारा स्वामी विवेकानंद जी की जीवन यात्रा पर प्रकाश डाला। आपने स्वामी विवेकानंद जी के विश्व धर्म सम्मेलन में संबोधित वक्तव्यो के माध्यम से ज्ञान वितरण किया।
वेबीनार में विशिष्ट वक्ता डॉ. तनु मित्तल, विभागाध्यक्ष समाजशास्त्र, राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, नई टिहरी के द्वारा छात्र छात्रों को चरित्र निर्माण के पांच आधार स्तंभों से अवगत कराया। आपने बताया आत्मविश्वास, आत्मनिर्भरता, आत्मज्ञान, आत्म संयम और आत्मत्याग के द्वारा हम कठिन से कठिन ज्ञान का अर्जन भी कर सकते हैं।
कार्यक्रम के अंत में कला संकाय के डीन प्रो0 डी.सी. गोस्वामी के द्वारा वेबीनार में उपस्थित मुख्य अतिथि, विशिष्ट अतिथि, मुख्य वक्ता, वेबीनार में उपस्थित अध्यापकों और छात्र-छात्राओं का धन्यवाद ज्ञापित किया। बेबीनार में कला संकाय अध्यक्ष प्रो. डी. सी. गोस्वामी, विज्ञान संकाय अध्यक्ष प्रो. जी.के. ढींगरा, वाणिज्य संकाय अध्यक्ष प्रो. कंचन लता सिन्हा, प्रो. पूनम पाठक, प्रो. सिखा ममगाई, प्रो. स्मिता बडोला, प्रो. परवेज अहमद, डा. अशोक कुमार मैंदोला, डाo केदार बिष्ट एवम समस्त समानित प्राध्यापक गण, शोध छात्र, एवम समस्त छात्र छात्राएं उपस्थित रहें।