Lucknow (PIB )-खादी और ग्रामोद्योग आयोग, सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्यम मंत्रालय, भारत सरकार के अध्यक्ष मनोज कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन और मोदी सरकार 3.0 के 100 दिन पूरे होने के अवसर पर पूज्य बापू की जन्मस्थली पोरबंदर के अस्मावती रिवरफ्रंट पर आयोजित एक कार्यक्रम में लाखों खादी कारीगरों को बड़ा तोहफा दिया। चरखे पर सूत कातने वाली कत्तिनों की पारिश्रमिक में 25 प्रतिशत और बुनकरों की पारिश्रमिक में 7 प्रतिशत की वृद्धि की घोषणा की गयी है। बढ़ी हुई पारिश्रमिक राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जन्मदिन 2 अक्टूबर 2024 से लागू होगी। इस अवसर पर अस्मावती रिवरफ्रंट पर लगाए गये 26 फीट लंबे और 13 फीट चौड़े स्टेनलेस स्टील के ‘स्मारक चरखे’ का भी अनावरण किया गया। कार्यक्रम के दौरान अध्यक्ष केवीआईसी ने प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) के अंतर्गत 3911 लाभार्थियों के खाते में 101 करोड़ रुपये की मार्जिन मनी सब्सिडी का वितरण और 1100 नयी पीएमईजीपी ईकाइयों का भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शुभारंभ किया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मनोज कुमार ने बताया कि उनके कार्यकाल में दूसरी बार कत्तिनों और बुनकर की पारिश्रमिक बढ़ाई गयी है। 2 अक्टूबर 2024 से सूत कातनेवाली कत्तिनों को प्रति लच्छा 10 रुपये की जगह 12.50 रुपये का मेहनताना मिलेगा। इससे पहले 1 अप्रैल 2023 को 7.50 रुपये से बढ़ाकर इसे 10 रुपये प्रति लच्छा किया गया था। उन्होंने आगे कहा की प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में ‘खादी क्रांति’ ने कत्तिनों और बुनकरों के जीवन में बड़ा बदलाव किया है। खादी का कारोबार पिछले वित्त वर्ष में 1 लाख 55 हजार करोड़ रुपये के पार पहुंच गया है। प्रधानमंत्री के दृष्टकोण के अनुरूर इसका लाभ खादी परिवार के कारीगरों तक पहुंचाने के लिए आयोग ने पारिश्रमिक बढ़ाने का निर्णय लिया है। उन्होंने बताया कि देशभर में करीब 3000 पंजीकृत खादी संस्थाएं हैं जिनके माध्यम से 4.98 खादी कारीगरों को रोजगार मिल रहा है, जिसमें 80 प्रतिशत के करीब महिलाएं है। बढ़ी हुई पारिश्रमिक से इन्हें आर्थिक रूप से नयी शक्ति मिलेगी। उन्होंने आगे कहा कि मोदी सरकार में अभी तक 213 प्रतिशत के करीब पारिश्रमिक बढ़ाई गयी है, जोकि इस बात का प्रतीक है कि खादी के माध्यम से ग्रामीण भारत आर्थिक रूप से सशक्त हो रहा है।
कार्यक्रम के दौरान अध्यक्ष केवीआईसी ने दिल्ली अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर लगे स्मारक (मॉन्यूमेंटल) चरखे की तर्ज पर अस्मावती रिवरफ्रंट पर स्टेनलेस स्टील से बने स्मारक चरखे का अनावरण किया। इससे पहले 12 सितंबर को ऐसे ही एक चरखे का अनावरण प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के लाल बहादुर शास्त्री अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर भी किया गया था। अपने अध्यक्षीय भाषण में अध्यक्ष केवीआईसी श्री मनोज कुमार ने कहा कि स्मारक चरखे को लगाने के पीछे केवीआईसी का उद्देश्य राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के विचारों से नयी पीढ़ी को जोड़ने के साथ ही भारत की राष्ट्रीय धरोहर खादी के बारे में लोगों को जागरूक करना है। उन्होंने आगे कहा कि ‘नये भारत की नयी खादी’ ने ‘आत्मनिर्भर और विकसित भारत अभियान’ को नयी दिशा दी है। पूज्य बापू की जन्मस्थली में स्थापित ये चरखा नयी पीढ़ी को राष्ट्रपिता की विरासत की याद दिलायेगा।
कार्यक्रम के दौरान पीएमईजीपी के अंतर्गत देशभर के 3911 लाभार्थियों के खाते में 101 करोड़ रुपये मार्जिन मनी (सब्सिडी) का भी वितरण किया गया। इसके माध्यम से 43,021 नये रोजगार का सृजन हुआ है। साथ ही देशभर में स्थापित 1100 नयी पीएमईजीपी ईकाइयों का भी शुभारंभ अध्यक्ष केवीआईसी के करकमलों द्वारा किया गया। लाभार्थियों को संबोधित करते हुए अध्यक्ष केवीआईसी श्री मनोज कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और एमएसएमई मंत्रालय के मार्गदर्शन में पीएमईजीपी देश के कुटीर उद्योग के लिए नयी ऊर्जा और शक्ति बनकर उभरी है। इसके माध्यम से पिछले 10 वर्षों में 9.58 लाख नयी परियोजनाओं के माध्यम से 83.48 लाख लोगों को रोजगार मिला है। इस दौरान केवीआईसी ने करीब 24 हजार करोड़ रुपये की मार्जिन मनी का वितरण किया है। उन्होंने आगे कहा कि खादी और ग्रामोद्योग के माध्यम से पिछले वित्तवर्ष में 10.17 लाख नये रोजगार का सृजन हुआ है।
कार्यक्रम में केवीआईसी के राज्य कार्यालय गुजरात से जुड़ी खादी की संस्थाओं के प्रतिनिधि, खादी कार्यकर्ता और कारीगर और केवीआईसी के अधिकारी और कर्मचारीगण उपस्थित रहे।