इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने संस्कृत शिक्षा के छात्र-छात्राओं को प्रेरित करते हुए कहा कि उत्तराखंड सरकार संस्कृत के संरक्षण और संवर्धन के लिए निरंतर प्रयत्नशील है। कहा कि उत्तराखंड संस्कृत अकादमी के माध्यम से संस्कृत विद्यालयों में अध्यनरत बालिकाओं के प्रोत्साहन हेतु प्रथम बार गार्गी संस्कृत बालिका छात्रवृत्ति योजना का शुभारंभ किया गया है। जिसके अंतर्गत संस्कृत विद्यालय में अध्यनरत सभी वर्गों की बालिकाओं को 3012 रुपए वार्षिक छात्रवृत्ति प्रदान की जा रही है। डॉ भीमराव अंबेडकर अनुसूचित जाति एवं जनजाति छात्रवृत्ति योजना के अंतर्गत 3012 रु वार्षिक छात्रवृत्ति प्रदान की जा रही है।
संस्कृत शिक्षा के मेधावी छात्र-छात्राओं को प्रेरित करने के लिए संस्कृत छात्र प्रतिभा सम्मान योजना संचालित की जा रही है। जिसके तहत हाई स्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा में संस्कृत शिक्षा में सर्वाधिक अंक प्राप्त करने वाले तीन-तीन विद्यार्थियों को प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त करने पर क्रमशः 5100, 4100 और 3100 रुपए की धनराशि प्रदान की जा रही है। कहा कि प्रदेश के 13 जनपदों में 13 संस्कृत ग्राम विकसित करने के लिए सरकार कार्य कर रही है। उत्तराखंड संस्कृत अकादमी, हरिद्वार के माध्यम से सरकार प्रतिवर्ष अखिल भारतीय शोध सम्मेलन, अखिल भारतीय ज्योतिष सम्मेलन, अखिल भारतीय वेद सम्मेलन, अखिल भारतीय कवि सम्मेलन, संस्कृत शिक्षा कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यशाला, संस्कृत छात्र प्रतियोगिता आदि विविध कार्यक्रमों का आयोजन कर देव भाषा संस्कृत के प्रचार – प्रसार हेतु निरंतर प्रयत्नशील है।
कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, विधायक सरिता कपूर, सचिव संस्कृत शिक्षा दीपक कुमार गैरोला, निदेशक संस्कृत शिक्षा आनंद भारद्वाज आदि उपस्थित थे।