दून अस्पताल में हर रोज करीब 10 मरीज ऐसे भर्ती हो रहे जो आयुष्मान कार्ड के माध्यम से सिर्फ एमआरआई और सीटी स्कैन की जांच कराना चाहते हैं। क्लेम के लिए इन मरीजों की फाइल जब राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण (एसएचए) के पास भेजी जाती है तो वहां से इन फाइलों को लौटाया जा रहा है।
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एसएचए की ओर से कुछ महीने पूर्व दून अस्पताल की आयुष्मान की करीब 4400 फाइलों को लौटा दिया गया था। इसमें करोड़ों रुपये का भुगतान भी रोका गया था। एसएचए की ओर से इन फाइलों में गड़बड़ी की बात कही गई थी। इसके बाद अलग-अलग समय पर एसएचए ने आयुष्मान के प्रावधानों को और अधिक कड़ा किया। जहां पूर्व में दून अस्पताल में एमआरआई और सीटी स्कैन जैसी जांचें बिना भर्ती हुए आयुष्मान में हो जाती थीं, उनमें मरीज को भर्ती करना अनिवार्य किया गया।
ऐसे जिन मरीजों को एमआरआई और सीटी स्कैन की जांच करानी होती थी, उनकी भर्ती फाइल बनाकर अनुमोदन के लिए एसएचए के पास भेजी जाती थी। इसके तुरंत बाद मरीज को डिस्चार्ज कर दिया जाता था, लेकिन अब एसएचए की ओर से इस तरह की सभी फाइलों को सिरे से रद्द किया जा रहा है।
जानकारी के मुताबिक अस्पताल में हर रोज आयुष्मान कार्ड से सिर्फ एमआरआई और सीटी स्कैन की जांच कराने के लिए ही करीब 10 मरीज भर्ती होते हैं। इन मरीजों का रोग संबंधी ब्योरा तैयार कर इसकी फाइल अनुमोदन के लिए जब एसएचए के पोर्टल पर अपलोड की जाती है, तो एसएचए अपने स्तर पर सत्यापित कर इन फाइलों को वापस भेज देता है।