सरकार खुद तो अपने गोदामों से अनाज का तौल बराबर नहीं दे रही, लेकिन हमें ई-पॉज मशीनें थमा रही है। हम गोदामों से बिना तौले या कम अनाज लाकर ई-पॉज मशीन से सटीक मात्रा में बांट रहे हैं, जिससे नुकसान हो रहा है। वहीं, सरकारी गोदामों पर तौल में और ई-पॉज मशीन से वितरण में काफी समय लगता है। यह कहना है राशन विक्रेताओं का।
ऑल इंडिया फेयर प्राइस शॉप डीलर्स फेडरेशन के प्रदेश अध्यक्ष रेवाधर बृजवासी ने कहा कि इस समय सरकारी राशन विक्रेता चौतरफा दबाव में हैं। फेडरेशन की ओर से देहरादून, हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर जैसे प्रमुख जिलों के सरकारी गोदामों पर धर्मकांटा लगाने की मांग लंबे समय से हो रही है।
इस संबंध में मंत्री रेखा आर्या की ओर से आश्वासन दिया गया था कि जल्द धर्मकांटे लगाए जाएंगे, लेकिन विभाग सुस्त है। कोरोना काल के सात महीनों के अलावा विभिन्न मदों में लाभांश न मिलना, घटतौली, ई-प़ॉज मशीनों के साथ वितरण की दिक्कतें अलग हैं। उन्होंने जल्द समस्या के समाधान की मांग की।
धर्मकांटे लगाने की प्रक्रिया शुरू
खाद्य आयुक्त हरिचंद्र सेमवाल का कहना कि जिन सरकारी राशन गोदामों के आसपास पर्याप्त जमीन उपलब्ध है, वहां धर्मकांटे लगाए जाएंगे, इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। राशन विक्रेताओं की व्यावहारिक मांगों पर विभागीय कार्यवाही लगातार जारी है।
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विभाग के एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि गोदामों पर कम तौलने की शिकायत गलत है, क्योंकि विभाग लगभग सभी गोदामों पर इलेक्ट्रॉनिक तराजू उपलब्ध करवा चुका है। सिर्फ अल्मोड़ा और पिथौरागढ़ की कुछ जगहों पर इलेक्ट्रॉनिक तराजू नहीं पहुंचे हैं, वहां भी जल्द लगा दिए जाएंगे।